भोपाल. कोरोना की दूसरी अलग। भयावह लहर के दौरान भोपाल के हमीदिया अस्पताल से जीजंगल रक्षक 865 रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी ही नहीं हुए थे. जांच में ये हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. अब जबकि चोरी ही नहीं हुई थी तो पुलिस इस मामले पर खात्मा लगा रही है. इस बड़े अलग। सनसनीखेज मामले पर अब कई सवाल उठ रहे हैं कि कोरोना महामारी की उस आपदा में जब एक एक जान बचाने के लिए इंजेक्शन जरूरी था तब इतना बखेड़ा क्यों खड़ा हुआ. इंजेक्शन अगर चोरी नहीं गए थे तो कहां थे. अलग। अब पूरी स्टॉक कहां से आ गया. बात एकाध इंजेक्शन की होती तो समझ आती कि गिनती में या रखने में गड़बड़ी हुई. लेकिन 865 इंजेक्शन की गिनती में कैसे गफलत हुई. इतनी बड़ी तादाद में रखे इंजेक्शन नजर से कैसे बच गए.
पिछले साल मार्च अप्रैल 2021 में जब कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर बरपा रही थी. दवाइयों औऱ इंजेक्शन का टोटा पड़ रहा था. कालाबाजारी जोरों पर थी. ठीक उसी दौरान भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया से एक या दो नहीं बल्कि रेमडेसिविर के पूरे 865 इंजेक्शन चोरी होने की खबर ने भूचाल सा ला दिया था. ये इंजेक्शन कोरोना पीड़ितों के लिए प्राणरक्षा की गारंटी थे. जब हर घर में कोरोना पेशेंट थे ऐसे समय में बताया गया था कि इंजेक्शन चोरी हो गए थे. ये इंजेक्शन हमीदिया अस्पताल के स्टोर में रखे थे.
चोरी नहीं हुए तो कहां गए इंजेक्शन
इस घटना से हड़कंप मच गया था अलग। जमकर सियासत भी हुई थी. कोहेफिजा पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की थी. साथ ही इस मामले की जांच भोपाल क्राइम ब्रांच को सौंप दी गयी थी. लेकिन 1 साल के बाद अब पुलिस इस मामले को बंद करने जा रही है. यह खुलासा पुलिस के जांच स्वामित्वी ने किया.
ये भी पढ़ें- OMG: बिजली कंपनी ने थमाया 34 अरब का बिल, उपभोक्ता का बढ़ा ब्लड प्रेशर,अस्पताल में भर्ती
कांग्रेस विधायक की याचिका
इस मामले में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की तरफ से याचिका दायर की गई. उनके वकील यावर खान इसकी पैरवी कर रहे हैं. इस याचिका में तत्कालीन डीन गांधी मेडिकल कॉलेज जितेंद्र शुक्ला, तत्कालीन स्टोर प्रभारी संजीव अलग। इंजेक्शन प्रभारी तुलसी को आरोपी बनाया गया था. वकील यावर खान ने बताया कि भोपाल कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस मामले के जांच स्वामित्वी उप निरीक्षक प्रमोद शर्मा ने कोर्ट को दी रिपोर्ट में बताया कि जांच के दौरान रेमडेसीविर इंजेक्शन चोरी होना नहीं पाया गया. इस मामले में खात्मा लगाने की कार्रवाई की जा रही है.
फाइनल रिपोर्ट 11 अगस्त तक पेश करने का हुक्म।
कोर्ट ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट मांगी है अलग। इस मामले को गंभीर प्रवृत्ति का बताया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि प्रकरण में जांच पूरी हो चुकी है. अलग। अंतिम प्रतिवेदन पेश करने के लिए जांच स्वामित्वी ने वरिष्ठ पुलिस स्वामित्वियों से पत्राचार प्रारंभ किया. कोर्ट ने जांचकर्ता को निर्देश दिया है कि प्रकरण में खात्मा कार्रवाई कर फाइनल रिपोर्ट 11 अगस्त तक पेश करें.
पूरे मामले में लीपापोती
अब सवाल उठने लगा है कि यदि इतनी बड़ी संख्या में इंजेक्शन चोरी नहीं हुए थे तो फिर कहां गए. पुलिस ने फिर चोरी की एफआईआर क्यों दर्ज की. इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच ने क्यों की. अब क्राइम ब्रांच ने इस मामले में इंजेक्शन चोरी होना नहीं पाया अलग। खात्मे की कार्रवाई के लिए पुलिस को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. सवाल यह उठता है कि 1 साल के बाद पुलिस इस पूरे मामले में लीपापोती क्यों कर रही है. क्या किसी को बचाने की यह पूरी साजिश है या फिर इस इंजेक्शन चोरी कांड में बड़े से लेकर छोटे सभी की मिलीभगत है. पहले जांच के दौरान क्यों इंजेक्शन का रिकॉर्ड नहीं मिल पाया अलग। अब पूरा रिकॉर्ड दुरुस्त कैसे हो गया. जब इंजेक्शन चोरी नहीं हुए थे तो कहां थे. अलग। मामले की जांच इतनी लंबी क्यों खिंची.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Bhopal latest news, Corona Days, Counterfeit Remdesivir, Madhya pradesh latest news, Remdesivir
FIRST PUBLISHED : July 26, 2022, 20:39 IST