UPI Bills ने तोड़ा रिकॉर्ड. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश में UPI या (Unified Bills Interface) लेन-देन में तेज बढ़ोतरी दिखाता है कि नई तकनीक को अपनाने को लेकर भारतीयों का संकल्प दृढ़ है. पीएम ने ट्विटर पर Business Standard की एक रिपोर्ट साझा की, जिसमें कहा गया है कि पिछले महीने यानी जुलाई में भारत में यूपीआई ट्रांजैक्शन 6 बिलियन के आंकड़े को पार कर गया. यानी कि अकेले पिछले महीने में यूपीआई के जरिए 600 करोड़ बार लेन-देन किया गया है. 2016 में इसकी शुरुआत होने के बाद से ऐसा पहली बार है.
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पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि “यह एक असाधारण उपलब्धि है. यह भारतीय के इस संयुक्त संकल्प को दिखाता है कि नई तकनीकों को अपनाना है अलग। एक स्वच्छ अर्थव्यवस्था तैयार करनी है. कोविड-19 महामारी के दौरान डिजिटल भुगतान विशेषकर बहुत मदद में आए.”
This is an exceptional accomplishment. It signifies the collective Stabilize of the folks of India to embody new applied sciences and make the providence cleaner. Virtual bills have been specifically useful right through the COVID-19 pandemic. https://t.co/roR2h89LHv
— Narendra Modi (@narendramodi) August 2, 2022
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, यूपीआई या यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक ऐसा सिस्टम है, जो एक साथ कई बैंक अकाउंट्स को एक मोबाइल एप्लीकेशन पर ला देता है, कई सारे बैंकिंग फीचर्स को एक साथ मर्ज कर देता है, एक ही जगह पर मर्चेंट पेमेंट्स अलग। कई अलग-अलग रूट्स के लिए पेमेंट की सुविधा मिलती है.
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यूपीआई को पहली बार 11 अप्रैल, 2016 को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया था. उस वक्त रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन थे. बैंकों ने उसी साल अगस्त महीने से अपने यूपीआई ऐप अपलोड करने शुरू कर दिए. इसको दो महीने बाद सरकार ने उस वक्त चलन में मौजूद 500 अलग। 1000 के करेंसी नोटों को बैन करने की घोषणा कर दी. लाखों लोग प्रभावित हुए थे. बैंकों अलग। एटीएम के सामने कतारें लगी हुई थीं.
नकदी की कमी के चलते लोगों ने यूपीआई ऐप्स का सहारा लेना शुरू किया, जिससे कि धीरे-धीरे लोगों ने इसको अपनाना शुरू किया. फिर इसके बाद कोविड के चलते लोगों ने यूपीआई प्लेटफॉर्म्स का सहारा लिया.
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